कविता II दुआ कर मेरे हमदम , आखरी सास ले लू तेरी गोद में II

Started by siddheshwar vilas patankar, October 14, 2016, 04:41:47 PM

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siddheshwar vilas patankar

दुआ कर मेरे हमदम

आखरी सास ले लू तेरी गोद में 

गर अस्पताल में हू दाखल

तो अपनी गोद बिछा देना

सास रोक लुंगा मैं  तेरे आने तक

उपरवाले को क्या मालूम 

सुगुन जिनेमें नही , मरने के वक्त होता है 


सिद्धेश्वर विलास पाटणकर C
सिद्धेश्वर विलास पाटणकर C