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Started by Balaji lakhane, October 20, 2016, 07:24:22 PM

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Balaji lakhane

चुप चुप कर रोज आना मेरी सपनों में,
आते वक़्त हँसी लेकर आना साथ में.!

मस्त मगन सुहानी दिल मैं हवा छुट़ी हैं,
तुम्हारी लाल ओढ़णी लेहरा रहीं हैं.!

खुबसूरत माहोल मैं गा रहा हू प्रेम गीत,
हँसी सुरत देखकर आते ऒंठो पर गीत.!

------------बालाजी लखने(गुरू)------------

विजय वाठोरे सरसमकर

खूपच मस्त बालाजी सर...जबरदस्त..