बिखरा भोपाल

Started by शिवाजी सांगळे, December 03, 2016, 09:00:43 AM

Previous topic - Next topic

शिवाजी सांगळे

बिखरा भोपाल

सुरज ढलान पर
लोग आने वाली रात के
इंतजार में, मन में
सपने संजोते हुये
कल के सुरज के
इंतजार में...
अजीब सी जलन..
ओर बदबु,
हवा मे फैलती रही
कई घरों में, कई रास्तों पर
थम गये, एका एक...
सारे शहर में...
हजारो विकलांग हुये,
आनेवाली पीढी को
विरासत छोड गये...
अब तक रीसाव है,
उस गैस का... पानी मे...
आहिस्ता आहिस्ता
जी रहा है...
भयानक दर्द लिए
ओर एक भोपाल

© शिवाजी सांगळे 🎭
©शिवाजी सांगळे 🦋papillon
संपर्क: +९१ ९५४५९७६५८९