पहेली मुलाकात मे...

Started by Ankush S. Navghare, Palghar, December 20, 2016, 01:25:42 PM

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Ankush S. Navghare, Palghar

वो बैठी थी सामने
मै बैठा था सामने
वो गुमसुम सी थी
मै गुमसुम सा था
उसने उठायी नजर
और देखा इधर उधर
मैने उठायी नजर
और देखा उसके इधर
दोनो थे अंजाने
पर नजाने क्या हुवा
उसके उस नजर से
मेरा सामना हुवा
इक चिंगारी सी भडकी
दोनो के कायनात मे
और नजाने प्यार हुवा
पहेली मुलाकात मे...
पहेली मुलाकात मे...
... अंकुश नवघरे
दि. ०८.१२.२०१६
समय. शाम ०६:४०

मिलिंद कुंभारे