ये मुहोब्बत

Started by अमोलभाऊ शिंदे पाटील, December 30, 2016, 10:58:24 AM

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ये मुहोब्बत जरा पिछे मुडके देख
तेरा यार जल रहा हैं
तेरे गम में सुबह शाम जहर पिये
जा रहा हैं
इतनी हसीन थी जिंदगी उसकी
वो तेरे लिये जिंदगी के आखरी
पन्ने गिन रहा हैं
.....✍🏻(अमोलभाऊ शिंदे पाटील).मो.9637040900.अहमदनगर