==* बहोत छोटी है उम्र जिंदगी की *==

Started by SHASHIKANT SHANDILE, February 09, 2017, 07:05:44 PM

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SHASHIKANT SHANDILE

बहोत छोटी है उम्र जिंदगी की
कशमकश भरी राह जिंदगी की
भर आती है आँखे याद कर कुछ
छूट जाती है सौगात जिंदगी की

है तो मानो सारी खुशिया जिंदगी में
है कमी सी खल रही क्यों जिंदगी की
चल रही है रात दिन नित जिंदगी ये
उड़ रहा मन ओढ़ चुनरी जिंदगी की

रिश्ते नाते प्यार नफ्रत है बहोत से
प्यास फिर मिटती नहीं क्यों जिंदगी की
है अधूरी बात कोई छल रही जो
सोचता हु चाह क्या है जिंदगी की

अब तो बस उम्मीद छोड़े चल रहा हु
हो रहा जो मर्जी मानो जिंदगी की
ना शिकायत ना गिला अब है किसीसे
मैं भी चलदू राह पकडे जिंदगी की

मैं भी चलदू राह पकडे जिंदगी की
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शशिकांत शांडिले, नागपुर
भ्र. ९९७५९९५४५०
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