==* मेरी भी एहतियात होगी *==

Started by SHASHIKANT SHANDILE, March 14, 2017, 02:57:27 PM

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SHASHIKANT SHANDILE

पहले जो सच की खबर होती
न यु बेवजह जुरूरत होती
कितना वक्त बिता उलझनों में
न यु अंजान हुकूमत होती

चलो अच्छा है जो हुवा सो हुवा
अब न कोई हिमाकत होगी
अपने ही सपने मानो थेे बेवफा
अब न कोई इबादत होगी

रह गई जो बाते वो दफ्न कर दी
उजालों से नई जमानत होगी
क्या हुवा गर ठहरे डूबने से पहले
अनचाही कोई इजाजत होगी

अब जो मिला है साथ किसीका
वक्त की ये शराफत होगी
यकीनन नहीं यकीं मुझे तुझपर
कल फिर नई कयामत होगी

लगता तो है कभी कभी की तू है
मेरी नफरत तेरी उक़ूबत होगी
कर जो चाहे यकीनन तू बड़ा है
हर पल मेरी भी एहतियात होगी

हर पल मेरी भी एहतियात होगी
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✍ शशिकांत शांडिले, नागपूर
भ्र.९९७५९९५४५०
Its Just My Word's

शब्द माझे!