लम्हा

Started by मिलिंद कुंभारे, March 15, 2017, 04:28:49 PM

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मिलिंद कुंभारे

लम्हा

बीतें लम्हों के संग, तुम्हारा चले आना,
याद दिला गया, वह गुजरा जमाना ....

सुकून से जी रहा था, मैं बावला,
आज फिर से, तुम्हारा दीवाना हो चला ......

मिलिंद कुंभारे