'गम'...

Started by suraj-123, March 30, 2017, 10:36:20 AM

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suraj-123

   'गम'.....
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खफा-खफा सा तेरा था सहारा.
जैसे गहरे समींदर की तरह
क्या साेचता था मै ,
आैर क्या यह हाे गया.
जमानाभर उसे पागलाेंकी तरह,
प्यार करता रहा.
वह कम्बख ने ही,
आखीर मुह फेर लीया.
जाने किस्मत काैणसी खाई में डुब गई.
गमाे के साथ मेरी सारी रात गुजर गई.

-ज्ञानेश्वर थाेरात...