* दोस्त *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, April 03, 2017, 09:14:12 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

Am back
सारी दुनिया खिलाफ थी मेरे
फिरभी शिकवा न था किसीसे
एक तु क्या बदल गया दोस्त
मानो जिंदगीही रुठ गयी हमसे.
कवी - गणेश साळुंखे.
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