* झुठा *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, April 03, 2017, 09:20:45 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

जो कहके चले गए थे हमको
के कभी लौटकर ना आयेंगे
आजकल वो हररात ख्वाबोमें आकर
खुदको झुठा साबित कर देते है.
कवी - गणेश साळुंखे.
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