अग्निकुण्ड

Started by कदम, April 07, 2017, 06:51:22 PM

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कदम


आग्नीकुंड झाली,
मातृभुमी तप्त,
दाह दाह देही,
ग्रीष्मात या ||

करावी काहीसी
जतन अंगणी
विश्वरत्न ह्या
वृश्र-वेली.!!