बहुत सुकून सा था जब तु मेरी जिंदगी में थी

Started by अमोलभाऊ शिंदे पाटील, April 07, 2017, 09:17:54 PM

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बहुत सुकून सा था
जब तु मेरी जिंदगी में थी
कश्तीयाँ कागज कि तब
पानी में तेरे नाम से हि तैरा करती थी
ओ कश्तीयाँ भी ऊस कागज कि थी
जीस पर मैंने अपनी प्रेम कहाणी लिखी थी
न जाने क्या हुवा था मेरी आखों
को आसू कि एक बुंद तेरे दर्द
कि ऊस कश्ती पर जा गिरी थी
ओ भी दर्द ना सह पायी
जो प्रेम कहाणी लिखी थी
मैंने ओ तो पाणी मैं बह रही थी

✍🏻(कवी.अमोलभाऊ शिंदे पाटील).मो.9637040900.अहमदनगर