==* नशीला है सागर *==

Started by SHASHIKANT SHANDILE, April 13, 2017, 05:00:50 PM

Previous topic - Next topic

SHASHIKANT SHANDILE

नशीला है सागर ये आंखे जो तेरी
डूब जाऊ मैं उनमें जी चाहता है
लबों की वो प्यारी सी मुस्कान तेरी
तेरे साथ हसने को जी चाहता है

नशीला है सागर ......

है कैसा सितम दूर जाने हो तुम क्यों
भर लू बाहों में तुमको जी चाहता है
सजी शाम है देखो मैफिल भरी ये
तेरे साथ गाने को जी चाहता है

नशीला है सागर .......

ये जुल्फे तेरी हो जैसे बहती हवा
तेरे साथ उड़ने को जी चाहता है
नही हो रहा अब सबर मेरे दिल से
बात दिलकी सुनाने जी चाहता है

नशीला है सागर  .........

बहोत है हसीं इस जमाने मे लेकिन
साथ पाने को तेरा ही जी चाहता है
ये दौलत ये शौहरत भले दे न पाऊ
मगर साथ जीने को जी चाहता है

नशीला है सागर ये आंखे जो तेरी
डूब जाने को उनमें जी चाहता है
---------------------//**--
शशिकांत शांडिले, नागपुर
भ्र.९९७५९९५४५०
Its Just My Word's

शब्द माझे!