==** धड़कनों को तेरे संभाला तो होता **==

Started by SHASHIKANT SHANDILE, May 12, 2017, 04:34:21 PM

Previous topic - Next topic

SHASHIKANT SHANDILE

गम मनाऊ तो कैसे रिश्ता तो होता
चल सके साथ मेरे फरिश्ता तो होता
गया छोड़ दुनिया वो मर्जी थी तेरी
मोहोब्बत का मेरे यूँ सौदा न होता

बात ऐसी नहीं भूल जाऊ मै सब कुछ
याद करने को तू अपना तो होता
क्या राज जाने दफ़्न दिल में रख्खे थे
एक बार मुझसे कह दिया तो होता

गम नहीं मुझे और गम भी है शायद
हाल दिल का तेरे दिखाया तो होता
तू दूर था सही मै अंजान हो बैठा
दूर से सही रिश्ता निभाया तो होता

जब पता चला तू चल दिया अकेले
याद कर के मुझे तूने देखा तो होता
मै दुश्मन नहीं था याद भी ना आई 
धड़कनों को तेरे संभाला तो होता

मै दुश्मन नहीं था याद भी ना आई 
धड़कनों को तेरे संभाला तो होता 
---------------------//**--
शशिकांत शांडिले, नागपुर
भ्र.९९७५९९५४५०
Its Just My Word's

शब्द माझे!