इन्सान

Started by sanjweli, July 16, 2017, 08:50:59 PM

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sanjweli

दि. १६/६/२०१७

इन्सान

ना कोई धरम मेरा
ना कोई मजहब है

हर रुप में हर चेहरा भारत माँ
तेरी ही पहचान है

मै ही हिंदु मै ही मुसलमाँ
ना हम मै एैसी कोई जंग है

तू ही इश्क इमान मेरा
दर्दे जीगर जानशीन है

ओढा कफन का है सेहरा
अब मौत ही मेरी महबुब जान है

तेरे लिए जीना मरना
ए  मेरा दीवानापन है

जाते जाते लेजा सलाम मेरा
अब बाकी रही खाली इतनीसी  मेरी पहचान है

          ##इन्सान##

© महेंद्र विठ्ठलराव गांगर्डे पाटील
9422909143