जिंदगी

Started by sneha31, August 11, 2017, 05:10:10 PM

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sneha31

जिंदगी के सफर मे आगे बढने चली थी
काटोंसे भरे रास्तो मे खुद को ढलने चली थी
अपनोंका खयाल रखते रखते ही
खुदके ख्वाबो को कही दुर छोड गयी
जिंदगी भी बोहोत अलग है दोस्तो
कभी बोहोत हसाती तो कभी रुलाती है
मुस्कुराहट तो चेहरेपे दिखानी पडती है
उसके पिछे छिपा हुआ दर्द भी क्या जाने दोस्तो......

स्नेहा माटुरकर