इश्क

Started by १. मनिषा गुर्जर, August 13, 2017, 12:30:54 AM

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१. मनिषा गुर्जर

आँखोंमे जो दिखा वो प्यार नही होगा
गालो पे मेरे आके रुक गये वो शायद आसु नही होंगे

वैसे हर सपना पुरा नही होता
जैसे हर फुल खुशबु नही देता

दिलपे जिस एहसास ने दस्तक दी
शायद गलती से मैने राज की बात कह दी

बात दिल में रहती तो अफसाना नही होता
तेरे ना  कहने का गम तो नही होता

कदम तुम्हारी ओर बढते ही नही
मेरे दिल पे कोई जोर चलता ही नही

तुम्हारी बातो में मेरा जिक्र नही होगा
आज मेरे जैसा बदनसीब कोई दुसरा नही होगा

वो जो अपना लगा वो  खाब ही होगा
मेरा ये इश्क तेरे दिल को दस्तक नही देगा