जयश्रीकृष्णा

Started by १. मनिषा गुर्जर, August 28, 2017, 04:11:43 PM

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१. मनिषा गुर्जर

कृष्णा रे कान्हा रे,  जपा जो नाम तेरा रे
सफल हुआ  मेरा जीवन सारा रे     
फुल चरनोंपे तेरे चढावूं रे
नीतनीत तेरे भजन गावू रे

कृष्णा रे कान्हा रे, तेरी भक्तीमे रंगा मन सारा रे
देखी तेरी प्यारी छबी तो हसा दिल मेरा रे
सगले जगत का तू है दाता, तुझसे क्या छुपा रे
सबका तू है रखवाला हे रे

कृष्णा रे कान्हा रे,  तेरे चरनोपे अर्पण जीवन मेरा रे
तूने दिया है सबको सहारा, मन तेरा प्यारा प्यारा रे
आया है तू जब किसीने पुकारा
आज भी आजा दे दे तू सबको सहारा रे

कृष्णा रे कान्हा रे, फिरसे वो बन्सी की धुन बजा रे
सुनके उसे भुले सभी बुरे कर्म करना रे
तू आयेगा  तो आसान होगा जीना हमारा रे
सबको तू न्याय दिलाने  वो मनमोहन आना रे