* परवाना *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, September 04, 2017, 08:51:10 AM

Previous topic - Next topic

कवी-गणेश साळुंखे

*सुलगती शम्मा को बुझा दूँ*
*में वो परवाना हूँ*
*जलकर भी मौहब्बत निभा दूँ*
*में वो दिवाना हूँ*
*कवी- गणेश साळुंखे*
Mob - 8668672192