* मुमताज *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, September 04, 2017, 08:55:39 AM

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कवी-गणेश साळुंखे

*तु मुमताज तो*
*बनके दिखा दिलबर*
*तेरा ताज भी*
*बना देंगे चांदपर*
*कवी- गणेश साळुंखे*
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