एक थी राणी

Started by Vikram shinde, October 24, 2017, 09:13:57 PM

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Vikram shinde

एक थी राणी
मेरी बहुत जादा दिवानी

प्यासी थी उसकी वाणी
नटखट लेकीन बहुत सयानी

नजरे झुका के शर्माती थी
मूड मूड के हसा करती थी

इशारो मे बातें करती थी
खुद से जादा मेरे बारे मे सोचती थी

उसके हसते हुऐ गाल
उडते हुऐ उसके खुले बाल

कुछ कहना चाहते थे
तुझे मुझसे मिलना चाहते थे

ना जाणे किसन मेरे प्यारे का सौदा किया
और मेरी प्यारी राणी को मुझसे जुदा किया

ठीक है इस नही हुई पुरी अपनी कहाणी
लेकीन अगली बार नही रहेगी अपनी अधुरी कहाणी ....
--विक्रम🙏🏻