हिंदी काव्य

Started by कदम, November 22, 2017, 11:07:42 AM

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कदम


काश होती मै जलपरी
घुम लेती नदीया सारी ।
उछलती लहरो के साथ
उछालती खुशियाँ सारी ।

कभी ईस किनारे
कभी ऊस किनारे ।
करती मै सैर किनारे
उछलकर पाणी (खुशियों)के फुॅआरे ।