हिंदी काव्य

Started by कदम, November 22, 2017, 11:15:56 AM

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कदम


कही घर कि दीवारों में बंद हो ना जावू
कही अपना वजूद यहाँ भुल ना जावू
कही तो होगे सपने मेरे उन्हें समटने जावु
कही ईन दीवारों मे कैद हो ना जावु ।


आएं कोई दरवाजे पर उसके साथ हो जावू
जिंदगी मै अपनी ज़िंदगी के नाम कर जावु
वही मेरी ज़िंदगी जहाँमे सपनो में खो जावु
कही खयालों कि दीवारों मे उलझ ना जावु ।