==* दिल समझायें कभी कभी *==

Started by SHASHIKANT SHANDILE, December 21, 2017, 03:46:12 PM

Previous topic - Next topic

SHASHIKANT SHANDILE

रुक्सत करी जो सूरत याद आयें कभी कभी
सपनों में आकर मुझको तड़पायें कभी कभी

मुस्कान आज भी दिलमे है उनकी बसी हुई
उनकी प्यारी बाते आँख भर लायें कभी कभी

वो भूली बिसरि बातें वो हसिनसि मुलाकातें
काश उनके भी यादों में आ जायें कभी कभी

जो रख्खे है संभाले खत आज भी मैंने सारे
पढ़कर अपने भी खत वो गायें कभी कभी

खत्म करो ये किस्सा कब तक याद करेंगे
युही दिलकी बाते दिल समझायें  कभी कभी
---------------------------//**--
शशिकांत शांडिले,नागपुर
भ्र.९९७५९९५४५०
Its Just My Word's

शब्द माझे!