धोका ये इश्क का

Started by dineshnick39, May 19, 2018, 11:01:35 PM

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dineshnick39

तुम्हारी आखो का काजल और
प्यार का आचाल हमे बरबाद कर गया

बोहोत धोके खाये हमणे इश्क में जानेमन
'तेरी मोहबत का शिकार हो गया

हम ना करते मोहबत तुझसे पर तेरे
भोले पण में बेकरार हो गया

तुझे पेहेचान नें के लिये जानेमान पेहलिबार न
जाणे कैसे धोका खा गया

खुश थे हम हमारी इस दुःख की दुनिया में
पगली किस खुशी में हमे इतना रूला दिया

जखमी हमारे दिल को आज फिर तुने ये
हसीना ऐसा सितम दे दिया

प्यार भरी हमारी जिंदगी में मोहबत का एक
झुटा जहर भर दिया

पी के तेरे इश्क का प्याला ये आशिक बे
वजह हलाल हो गया

'तेरी झुटी हसी पर न जाणे कैसे पागल प्रेमी
आज कुर्बान हो गया

जाते जाते एक बात बोल दु तुम्हे 'तेरी खुशी के लिये
ये इश्क का शेहजादा खुदा को प्यारा हो गया

इश्क में है धोके सब इस बात का सारा जहा
गवा हो गया
-कवी-
दिनेश पलंगे
7738271854