इश्क

Started by sanjweli, July 13, 2018, 12:15:17 AM

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sanjweli

४/७/२०१८

मैने भी किया था प्यार।
तुने भी किया था प्यार।
देख ले ए जाहील दुनिया भी।
आज वफा किसके दर पे खडी है।

साज़ उल्फत का तू आखिर देख ले
मुकद्दर ना कोई ना कोई फ़ितरत है।
ना कोई लब्ज ना कोई नज्म बाकी है।
हर सौगात किस्मत की तेरी चौकटपे खडी है।

जखमो का हिसाब अब पुछे तनहाई।
रंजिश दुनिया की ना तूझे ना मुझे समझ आयी।
धुंड ने चला अंजान राह मै पागल दिवाना भी।
मेंहदी तेरे हातोंकी गहरा रंग लायी है।

इश्क का हर दायरा।
ना अब कोई बाकी रहा।
राही मै चला अकेला दर-ब-दर।
रह गया अब बाकी आखरी सांसोका इंतजार है।

©म.वि.
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