कृष्ण मोहे माफ़ कर .........

Started by SHASHIKANT SHANDILE, September 07, 2018, 11:21:51 AM

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SHASHIKANT SHANDILE

कृष्ण मोहे माफ़ कर
मैं ना करू पूजा
मोहे नाही जान तोरी
ना ही कोई दूजा

तू ठहेरो चक्रधारी
मानव मै छोटा
तोसे मेरो मेल नही
भक्त नही खोटा

मूरत तो बहुत देखी
देखा न सामने
दर्शन तुम देत नाही
सुना है नामने

मानव मैं डूब गयो
लालच के बाढ़ में
अब कुछ न दिखे मोहे
पैसन के आड़ में

तू आना तब आना
छोड़ मेरे हाल पे
अब मैं खड़ा हूँ ना
आखर किनार पे

गर तोहे दिखती हो
हालत संसार की
रख लाज दुखियों की
भक्तों के प्यार की
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शशिकांत शांडिले, नागपुर
भ्र.९९७५९९५४५०
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शब्द माझे!