सच्ची मुहब्बत ………

Started by SHASHIKANT SHANDILE, September 24, 2018, 05:34:25 PM

Previous topic - Next topic

SHASHIKANT SHANDILE

मुहब्बत शिद्दत की निगाह है
दर्द में भी चाहत बेपनाह है
खुदा की इबादत जैसे मुहब्बत
दुनियां के लिये ये गुनाह है

मुश्किलें है हजारों माना मगर
मुहब्बत में ना इंतकाम है
लिखी किस्मतों में खुशियाँ अगर
किसे फिक्र क्या अंजाम है

चाहों अगर मुहब्बत की दुनियाँ
नर्क से भी बुरे लम्हात है
जरुरी नही हो ख्वाहिशें पूरी
वक्त में बदलते हालात है

मुहब्बत में हो केवल शराफत
मुहब्बत में ना अत्याचार है
पाने की चाहत ही है मुहब्बत
जिद में मगर झूठा प्यार है
——————-//**–
शशिकांत शांडिले, नागपुर
भ्र.९९७५९९५४५०
Its Just My Word's

शब्द माझे!