इंसानियत ........

Started by SHASHIKANT SHANDILE, September 28, 2018, 03:29:57 PM

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SHASHIKANT SHANDILE

धर्म और जाति में अब तक बटे है लोग
पाखंड की तलवार से कितने कटे है लोग

इंसानियत की बाते तो हर चौराहे होती है
दिल ही दिल में अपनाही धर्म रटे है लोग

खुली आँखों से यहां सच दबाया जाता है
झूठी ही बातो को सच करने डटे है लोग

तड़प रहा मरता कोई जान कौन बचाएगा
जाने क्यों गैर समझकर परे हटे है लोग

देख तमाशा इंसानों का शशी हुआ हैरान
मानवता भुलाकर के खुदमें सिमटे है लोग
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शशिकांत शांडिले, नागपुर
भ्र.९९७५९९५४५०
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