एक काली आकृति

Started by yogeshingale, December 09, 2018, 11:17:25 AM

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yogeshingale

एक काली आकृति

कम्बखात एक काली आकृति कल रात से सोने नहीं दे रही है
इतनी नॉटंकी कर राही है की ठीक से रोने भी नहीं दे रही है

सोचा काली आकृति है दिन निकालतेही ही चली जायेगी
या फिर रात के घने अंधेरे मे काही गायब हो जायेगी

पर ऐसा ना हुआ जैसे जैसे अंधेरा बढा, वो भी बढती गायी
रात को बिस्तर मे मेरे सिऱ्हाने आ बैठी

कम्बखात एक काली आकृति कल रात से सोने नहीं दे रही है|

अब ठाण लिया था, पुछु उस से की क्यू मेरा पीछा कर रही है
जैसे ही मैं मुडा वो भी मूड गयी, मेरे सवाल का जवाब दे ने से पहिले ही वो खामोश हो गयी

कुछ गौर से देखा मैने वो दर्द से कप रही थी
मेरे बाये कांधे पे जिस से खून बेह राहा ता..वो जखम उस के कांधे पर भी था

अच्छा लगा देखकर अपना दर्द कोई और भी से रहा है

उसके माथे पर कुछ चमक कर तूट राहा था, शायाद मेरेही सपने मुझे उसमे नजर आ राहे थे

उसकी हाथो से कुछ छुट राहा था, वो उसे पकडने की कोशिश कर राहा था
मेरे भी कुछ वादे, कुछ रिश्ते ऐसे ही दूर जा रहे थे

तब मुझे याद आया वो कोई और नही मेरी बढती हुई परछाई है

कम्बखात एक काली आकृति कल रात से सोने नहीं दे रही है|