ओ प्रेमिका (हिंदी कवितासंग्रह: गीतगुंजन, गीतकार: सचिन निकम)

Started by sachinikam, December 27, 2018, 12:04:45 PM

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sachinikam


ओ प्रेमिका (हिंदी कवितासंग्रह: गीतगुंजन, गीतकार: सचिन निकम)

दिल हुआ हलका हलका हलका
जो आंचल सरसे ढलका ढलका
हां उतरा बोझ कलका कलका
मुड़के देखा तुमने ओ प्रेमिका ॥ १ ॥

गोरी गिरा झूमका झूमका झूमका
जो लगाया तूने ठुमका ठुमका ठुमका
ना रहा होश हमसे हमका
हसके बोला तुमने ओ प्रेमिका ॥ २ ॥

सजेगा घर तिनका तिनका तिनका
जूड गया रिश्ता मनसे मनका
खिल गया बुर्जा बुर्जा तनका
प्यारसे देखा तुमने ओ प्रेमिका ॥ ३ ॥

बजेगा प्यारका डंका डंका डंका
ना कोई संदेह ना शंका शंका शंका
हुआ है मिलन मनसे मनका
चुना तुमने हमको ओ प्रेमिका ॥ ४ ॥
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