।।स्त्री।।

Started by Tejaswi Mohite, June 07, 2019, 10:23:27 AM

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Tejaswi Mohite


               ।।स्त्री।।

आधी लोक बोलायचे,
"स्त्री जन्मा ही तुझी कहाणी
हृदयी अमृत अन नयनी पानी"
पण खर तर आतां असं म्हणलं पाहिजे..
"स्त्रीजन्मा ही तुझी कहाणी,
हृदयी अमृत पण नयनी नाही पाणी,
होऊनी दामिनी ,
तू घे आकाश उंच भरारी,
आकाश उंच भरारी.....


                        -- तेजस्वी मोहिते