ख़ुद से

Started by शिवाजी सांगळे, June 07, 2019, 09:23:02 PM

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शिवाजी सांगळे

ख़ुद से

क्या क्या दिया याद नहीं 
बहोत कुछ हम भूल गए,
चलते रहे जमाने के साथ
ख़ुद से मिलना भूल गए !

बाटते बाटते खुशीयाँ युहीं
गम औरों के अपना लिए,
सोचता रहा भलाई उनकी
ख़ुद से मिलना भूल गए !

बनाए कुछ रास्ते सहरा मे   
मंजिले आसान होने लिए,
काटों पर चलते चलते, हम
ख़ुद से मिलना भूल गए !

दोनों के सपने, वादे सारे
आसानी से तुम भूल गए,
ख़्वाब अधूरे संजोकर हम 
ख़ुद से मिलना भूल गए !

© शिवाजी सांगळे 🎭
मो. ९५४५९७६५८९
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