तुम मिले

Started by शिवाजी सांगळे, July 03, 2019, 02:34:16 PM

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शिवाजी सांगळे

तुम मिले

तुम मिले भी तो, एक ख्वाब की तरहा
प्यास थी जब, दिखें शबनम कि तरहा

चाहतें कई हसरते, दिल में है बसी हुई
मिलते हो तुम तभी, सपनों की तरहा

भर गया आसमां, बादलों का डेरा है
बरसते रहे फिर, एक कतरे कि तरहा

धूप छांव जीवन, खेल यहां पर सारा
खेला है बाजीगर खिलाड़ी की तरहा

आस थी करूं दोस्ती ए ज़िंदगी तुझसे
याद है मिली थी तू, अजनबी की तरहा

© शिवाजी सांगळे 🦋
संपर्क:९५४५९७६५८९
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