शरण तुजला गुरूवर

Started by Mahesh Thite, July 15, 2019, 06:24:15 PM

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Mahesh Thite

              शरण तुला गुरूवर

पदभ्रष्ट झालो मी,
आणी मजसी सन्मार्गी।
माता,पिता, बंधू तूच
तूच माझा सखा सोबती।
ज्ञानदीप दाव मज
अज्ञान तिमिर दूर सार।
अज्ञानी बालक मी
शरण तुला गुरूवर।।

संसारसागरी बुडालो
ने मजसी पैलतीरी।
कृपासिंधु, भक्तपालक तू
टाक मजवर कृपादृष्टी।
मतीभ्रष्ट झालो मी
हस्त ठेव मस्तकावर।
अज्ञानी बालक मी
शरण तुला गुरूवर।।

           -- महेश थिटे ,
                अहमदनगर