जिंदगी.........

Started by SHASHIKANT SHANDILE, August 09, 2019, 04:47:15 PM

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SHASHIKANT SHANDILE

ये गजल है गमजदा रोना न कोई
जो सताए नींद तो सोना न कोई

ये मुहब्बत काफ़िरो का काम कैसे
काफ़िरों के नाम दिल खोना न कोई

ख्वाहिशों का काम ही है दिल जलाना
बेवजह की लालसा ढोना न कोई

जिंदगी में क्या मिला है बाखुशी से
हारकर मायूस यूँ होना न कोई

जिंदगी "एकांत" की तो मस्त ही है
जिंदगी में गम मगर बोना न कोई
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(एकांत)
शशिकांत शांडिले, नागपुर
भ्र.९९७५९९५४५०
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शब्द माझे!