मंझिल

Started by sanjweli, October 25, 2019, 09:41:59 PM

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sanjweli

हर नजरियाँ यहाँ मुमकीन होता है|
ख्वाब तो बस एक जरियाँ है |
सोच कर देखो |
रास्ता खुदब् खुद आसान होता है |

इम्तिहान की गलीयाँ ।
अब राही अकेला धुंड रहा ।
कैसे करें मुश्किलोंसे सामना ।
मंझिल को खुद नही पता ।
इनाम किसे और क्यौं मिला |

ये दुनिया है तमाशा उल्फत का |
इबादतगाह का बोलो मतलब किसे पता |
उपहार का तुम ना दिखावा करो।
कुदरत का तमाचा एे गालिब ।
क्या खुब बेकदरोंको  मिला।


©मवि