ऐ जिंदगी. ..???

Started by Ashok_rokade24, November 03, 2019, 02:57:59 PM

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Ashok_rokade24

ऐ जिंदगी अब तूही कुछ बता ,
चाहा था क्या और,क्या तूने दियाँ ॥

खुसियाँ पलभर ,उम्र भर का तरसना ,
कैसे करू शिकवा , कोई नही अपना ,
बाजार मे खुसियाँ है सजी ,
हमने निलाम खुदको कियाँ ॥

चाहा था क्या और,क्या तूने दियाँ ॥

एक मुस्कान , दो बोल प्यारभरे ,
कैसे क्याँ कहूँ , गुँगी बहरी दिवारे ,
लूट ली खुसियाँ सारी ,
दर्दसे दिल भर दियाँ ॥

चाहा था क्या और,क्या तूने दियाँ ॥

एक हमराह जो , कुछ दुर साथ चले ,
हर खुशी हर गम , मिलकर बाँट ले ,
उम्र बाकी और भी थी ,
साथी मगर छिन लियाँ ॥

चाहा था क्या और,क्या तूने दियाँ ॥

कुछ न चाहीये , दिल तुझसे उब गयाँ
दर्द के सहारे , जीना दिलने सिख लियाँ ,
अब न आँस रही , न कोई गम ,
जिंदगी हमने तुझे माफ कियाँ ॥
जिंदगी हमने तुझे माफ कियाँ ॥

चाहा था क्या और,क्या तूने दियाँ ॥

                               अशोक मु. रोकडे .
                                 मुंबई.