अभी अभी

Started by शिवाजी सांगळे, December 14, 2019, 01:06:46 AM

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शिवाजी सांगळे

अभी अभी

तन्हाई ने करवट ली है अभी अभी
तु म्हा री याद आयी है अभी अभी

ऐहसास ये तुम्हारा कैसा लुभावना
बैचेनी चुप्पी मिट गई है अभी अभी

मुहब्बत चढने लगी दिलोदिमाग़ मे
चाहतों ने दस्तक दी है अभी अभी

हो रहे धुंधलेसे सन्नाटे अब रातों के
रुत भी ये बदल रही है अभी अभी

नजदीकियां बढी दूरीयाँ टूटने लगी
ख्वाबसे पलकें खुली है अभी अभी

© शिवाजी सांगळे 🦋
संपर्क: +९१ ९५४५९७६५८९
©शिवाजी सांगळे 🦋papillon
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