घाव गहरे दे गए ....... ghaav gehere de gaye

Started by puneumesh, December 30, 2019, 11:39:58 AM

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puneumesh

कोई प्यार नहीं कोई मुहब्बत नहीं
सब खुदगर्ज़ी के बाशिंदे निकल गए
सोने की चिड़िया पे बुरी नज़र पड़ गयी
सब अपना हिस्सा नोचने आ गए

कुछ अपने खंजर गाड़ कर चले गए
और गैर ज़िबह करने आ गए
कोई गिला नहीं कोई शिकवा नहीं
रूह तक कांप उठे इतने घाव गहरे दे गए
--------------------------------------------उमेश, puneumesh