हसीं ...... hansi

Started by puneumesh, January 22, 2020, 10:55:17 AM

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puneumesh

हंसी ......

रब ने बनाया नन्होंको
हंसी भी खूब दी उनको
संभाल के रखना इनको
बारी बारी निकलना है सबको

दोस्ती बनाये हंसी अन्जानों से
हसी पहुंचाए पार मुश्किलों से
जिल्लत से बचाती है इंसानों को
फरिश्ता बनती है आम बन्दों को

हंसी धूप भी छाँव भी
किनारा भी मझधार भी
इस्तेमाल कीजे संभाल के इसे
ये मरहम भी घाव भी

निकम्मों की चापलूसी है हंसी   
रेगिस्तान है जल्लादों की हंसी
अक्लमंदों की ढाल है हंसी
संजीदा है अहमकों को हर हंसी 

लफ़्ज़ों में न चुटकुलों में
ईमानदारी की दावत में है हंसी
कमजोरों पे जुल्म हैं हंसी 
ताकत है खुदपे खुद की हसीं
- - - - - - - - - - - - - - - - - -  उमेश, puneumesh