सोचा नहीं था कभी की तुम इस कदर भी गीर जाओगे

Started by Snehasoni, March 04, 2020, 08:10:16 PM

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Snehasoni

क्या हसीन पल थे वो प्यार के जो तुमने मुझे दिये थे
हर छोटी छोटी बात के मैने तुम्हारे साथ सपने संझोये थे
क्या पता था तुम्हारा प्यार करना तो बस नाम का ही था
सोचा नही था कभी की तुम इस कदर भी गीर जाओगे

तुम्हारे प्यार मे मैने एक एक मोती की माला जो बनाई थी
तुम्हारा असली रूप देख के वो भी एक झटके मे टुट के बिखर गयी
तू ही वो पेहला शक्स था जिसके प्यार मे मैं अंधी हो गयी
सोचा नही था कभी की तुम इस कदर भी गीर जाओगे

प्यार तो तुने सर्फ मेरे जिस्म से ही किया था
जो तुने चाहा वो ना मिल पाया तो प्यार को ही झूठा साबीत किया
तेरे इन दो चेहरे को मैं कभी पहचान ही नही पायी
सोचा नही था कभी की तुम इस कदर भी गीर जाओगे

सच्चा प्यार था मेरा तुम्हे भगवान जो मानने लगी थी
क्या पता था तुम्हारा तो मकसद ही कुछ और था
दूर भी किया तो ऐसा की यादो के घाव दिल पे छोड दिया
सोचा नहीं था कभी की तुम इस कदर भी गीर जाओगे

तू तो खुश है अपनी जिंदगी मैं यादो की किताब तो तू मुझे ही दे गया
एक दिन ऐसा जरूर आयेगा जब तू वो पनने खोजते हुये मेरे पास आयेगा
जब तडपेगा सचचे प्यार के लिये तब मेरी याद तुझे जरूर आयेगी
सोचा नहीं था कभी की तुम इस कदर भी गीर जाओगे

स्नेहा सोनी
गुजरात