अवसर

Started by शिवाजी सांगळे, April 24, 2020, 09:18:25 PM

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शिवाजी सांगळे

अवसर

ज़िन्दगी के दर्द को स्वीकार कर
जैसा भी संकट आये तु मत डर

कठिनाइयों भरा यहां का सफर
चल मुस्कुराते हुये तु डगर डगर

देती है ये ज़िन्दगी दूसरा अवसर
उपयोग उसका समझकर तु कर

साथ ना कोई यही प्रश्न का उत्तर
ढूंढता है संगी साथी किसे तु गर

आवाजाही अशेष है ध्यान में धर
चलाचल जीवन अकेले तु निरंतर

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