इंन्सानियत ??

Started by Ashok_rokade24, July 08, 2020, 04:27:53 PM

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Ashok_rokade24

जहर भरा है हवाँमें ,
ईन्सानोकी ये बस्ती है, 
महँगी यहाँकी जिंदगी  ,
और मौत यहाँ सस्ती है ॥

ऐसा कहर हैवानियत का ,
हवा मे मौत पल रही है ,
कही पर मरते है इन्सान ,
कही इंन्सानियत मरती है ॥

दवाँ बिना तडपाँ कोई ,
रोटी बिना कोई मरा है ,
दूध बिना बिलखता मासूम ,
मौत की निंद ममता सोयी है ॥

मृत्यू का भय चहूओर ,
डर कर कोई जीता है ,
बेबसी का लाभ उठाएँ ,
रोटी कोई शेंक रहा है ॥ 

कही जवाँन शहीद होता है ,
कही किसान दम तोडता है ,
घाव चाहे किसे भी दे कोई ,
खून तो इंन्सान का बहता है ॥

प्यार यहाँ मजबूर हुआँ ,
दिलसे दिलका रिश्ता तूटा,
जाती धर्म के अहँकार में ,
दम इंन्सानियतने तोडा है ॥

उँच निच कि होड शुरू है ,
जाती धर्म के झंडे गढे है ,
नफरत की ईस आँधी में ,
इंन्सानियत कही खोयी है ॥
अशोक मु.रोकडे.
मुंबई.