काश

Started by शिवाजी सांगळे, November 06, 2020, 02:43:31 AM

Previous topic - Next topic

शिवाजी सांगळे

काश

कुछ जमाना हमें जान लेता
काश वक्त जरा ठहर जाता

यूं तो चल रही है यहां ज़िन्दगी
सुख दुःख जुटा रही है ज़िन्दगी
सारा सच तुम्हें मालूम हो जाता
काश वक्त जरा...

उम्मीद है आबाद होंगे जहाँ में
याद भी नहीं होगें हम यादों में
ख़्वाब कोई तुम्हें थोड़ा सताता
काश वक्त जरा...

कट रही हैं तनहा रातें यहां पर
चला रही है सांसें रूह आस पर
जरा सबब इसका समझ आता
काश वक्त जरा...

©शिवाजी सांगळे 🦋
संपर्क: +९१ ९५४५९७६५८९
©शिवाजी सांगळे 🦋papillon
संपर्क: +९१ ९५४५९७६५८९