जादू

Started by शिवाजी सांगळे, November 11, 2020, 10:09:41 PM

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शिवाजी सांगळे

जादू

यहां मौसम कुछ कुछ बदलने लगा
धुंध हैं चारों तरफ़ परदा गिरने लगा

लिपटा है एक एक जर्रा यहां नशेमें
कैसे रखें काबू मन बैचेन होने लगा

गा रही है वादी भीनी भीनी सुरों में
दिल भी किसीके याद में गाने लगा

यहां कुदरत का खेल सुहाना न्यारा
मनभावन जादू हर तरफ छाने लगा

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