क्या पायाँ ??

Started by Ashok_rokade24, November 19, 2020, 08:43:39 PM

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Ashok_rokade24

उम्र बीत गयी सारी,
कुछभी न हाथ आयाँ ,
औरोको जोडते रहें ,
अपनोंकोभी खो दियाँ ॥

जीवन की इस दौड में ,
सबको लेकर दौडा था ,
भूल कर खुशियाँ सारी ,
बोझ ऊठाते रह गयाँ॥

हर रिश्ता समझा अपना ,
बस एक छलावा निकला ,
टूट गयी है उम्मीदे सारी ,
बिखर गयी सारी खुशीयाँ ॥

अब डर लगता है जीनेमें ,
इक दर्द जागा है सीनेमें ,
जिनको सहारा समझा ,
अकेला उन्होने कर दियाँ॥

अब तो शाम ढल चूकी ,
जीतकर भी हारी जिंदगी,
अब यही है सुलझाना ,
क्या खोया और क्या पायाँ ॥

अशोक मु.रोकडे/मुंबई.