तलाश ??

Started by Ashok_rokade24, January 29, 2021, 11:54:11 AM

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Ashok_rokade24

भटक रहाँ हूँ यूही , है इक आस
कुछ पाने की |
बेहाल पैर छालोंसे भरे , है तलाश
मंजील की ॥

न देख पाया कोई ख्वाँब , चाहत
थी जिसकी |
आँखो मे कटी सारी रात , कोशिशे
हजार की ॥

राहगिर मिले ऐसे जो,कभी साथ
दियाँ नही |
इन्सान बन ना पाँये, करते है
बाते खुदाकी॥   

अपनोंके लिये रहा ,पिसता मैं
हरदम|
ख्वाँईसे सारी भूल गया,अपनी
जिंदगी की ॥

अशोक मु.रोकडे .
मुंबई.