उलझन ???

Started by Ashok_rokade24, March 10, 2021, 12:49:42 PM

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Ashok_rokade24

उलझन भरी जिंदगीको सुलझना
चाँहते थे |
कुछ सँजोये थे अरमान कुछ सपने
देखे थे | 

समय गुजरता गयाँ इँतजार
करते रहे |
उम्र तो ढल चूकीऔर हम बस
देखते रहे |

सपना देखाँ घर बनाऊँ एक अपनो
के लिये |
घरमे अपने बस गये खुद पराये   
हो गये |

उलझने अपनी भुलकर सहारा
देते रहें |
उड गये पँछी सारे तनहाँ अब
बैठे रहें |

लाख कोशिसे करते रहे फीरभी
हार गये |
उलझने सुलझी नही न सँपने
पुरे हुयें | 

अशोक मु.रोकडे .
मुंबई.